दगाबाजों' को हराने कमलनाथ ने संभाला मोर्चा
- कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए 29 विधायकों को हराने पार्टी ने शुरू किया अभियान
भोपाल। 15 साल बाद सत्ता में आने के बाद 2020 में जिन दगाबाजों (कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए विधायकों)के कारण कांग्रेस को सरकार गंवानी पड़ी, अब उनको हराने के लिए कमलनाथ ने मोर्चा संभाल लिया है। इसी क्रम में उन्होंने गुरूवार को कमलनाथ बड़ामलहरा में मंडलम्-सेक्टर और बूथ कमेटियों की बैठक की। उसके बाद एक जनसभा को भी संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा को हराने के लिए पार्टी नेताओं को कमर कसने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए 22 विधायकों के बाद से अब तक कुल 29 विधायक भाजपा जॉइन कर चुके हैं। कमलनाथ विशेषकर दलबदल कर धोखा देने वाले 26 विधायकों की सीटों को जीतने के लिए खास रणनीति बना रहे हैं। इसकी शुरुआत गुरुवार को बड़ामलहरा से की गई है। लोधी समाज बहुल बड़ामलहरा विधानसभा से साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर प्रद्युम्न सिंह लोधी चुनाव जीते थे हालांकि वे मप्र में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे।
- इन विधानसभाओं पर इसलिए फोकस
कांग्रेस नेताओं की मानें, तो जिन विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा, उनमें से अधिकांश विधानसभाएं ऐसी हैं, जहां लंबे समय बाद कांग्रेस को जीत मिली थी। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इन विधानसभाओं में वोटर्स कांग्रेस के पक्ष में है। लिहाजा, इन सीटों को लेकर अलग से रणनीति बनाई जा रही है। इन क्षेत्रों में कांग्रेस के बूथ लेवल वर्कर्स से लेकर मंडलम्-सेक्टर के पदाधिकारियों से कमलनाथ सीधे चर्चा करेंगे, ताकि स्थानीय परिस्थितियों की जानकारी मिल सके। दलबदल के बाद कांग्रेस स्थानीय विधायकों के प्रति जनता में नाराजगी को भी भुनाने में लगी है।
- कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी बढ़ाने नाथ ने बनाए 34 विभाग
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जोडऩे और संगठन का विस्तार करने के लिए 34 प्रकोष्ठ और विभाग बनाए हैं। इनमें कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ताओं और सीनियर लीडर्स को जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस खादी एवं ग्रामोद्योग प्रकोष्ठ, झुग्गी-झोपडी प्रकोष्ठ, सद्भावना एवं कौमी एकता प्रकोष्ठ, सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ, पंचायती राज संस्था प्रकोष्ठ, केश शिल्पी प्रकोष्ठ, महिला उत्पीडऩ निवारण प्रकोष्ठ, विमुक्त घुमक्कड़ जनजाति प्रकोष्ठ, परिवहन प्रकोष्ठ, डॉक्टर एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ, शिक्षक प्रकोष्ठ, उपभोक्ता संरक्षण प्रकोष्ठ, पूर्व अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ, उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ, बूथ प्रबंधन प्रकोष्ठ, दिव्यांग प्रकोष्ठ, कर्मचारी प्रकोष्ठ, बुनकर प्रकोष्ठ, सहकारिता प्रकोष्ठ, इंटक प्रकोष्ठ, कृषि-कृषक प्रकोष्ठ, सफाई मजदूर कामगार प्रकोष्ठ, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ, धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ, वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ, नगरीय निकाय प्रकोष्ठ, तकनीकी प्रकोष्ठ, समाज कल्याण प्रकोष्ठ, वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ, खेल एवं खिलाडी प्रकोष्ठ, फुटकर एवं लघु व्यावसायिक प्रकोष्ठ, समाज समन्वय प्रकोष्ठ, आजीविका प्रकोष्ठ, राज्य स्तरीय सिंधी कल्याण समिति ऐसे 34 प्रकोष्ठ बनाएंगे।
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