रूस-यूक्रेन युद्ध में Kim Jong ने अपने हजारों सैनिकों की कुर्बानी दी, बनेगा स्मारक
प्योंगयांग। रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस का खुलकर समर्थन करने वाले उत्तर कोरिया ने अब अपने सैनिकों की शहादत को अमर बनाने के लिए एक भव्य स्मारक का निर्माण शुरू कर दिया है। उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया के अनुसार, राजधानी प्योंगयांग के ह्वासोंग जिले में ओवरसीज मिलिट्री ऑपरेशंस के कॉम्बैट फीट्स का स्मारक संग्रहालय नामक इस स्मारक की नींव रखी गई है। यह स्मारक उन सैनिकों को समर्पित होगा, जिन्होंने रूस के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवाई। शिलान्यास समारोह में उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन खुद उपस्थित थे, साथ ही रूस के राजदूत अलेक्जेंडर मात्सेगोरा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। किम ने खुद पहली फावे की मिट्टी खोदी, जो इस परियोजना की शुरुआत का प्रतीक बनी। उत्तर कोरिया, जो दुनिया के सबसे अलग-थलग देशों में शुमार है, ने हाल के वर्षों में रूस के साथ अपने संबंधों को अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंचा लिया है। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से ही प्योंगयांग ने मॉस्को का साथ दिया है। किम जोंग उन ने न केवल हथियारों और तोपखाने के गोले भेजे, बल्कि हजारों सैनिकों को भी रूस के कुरस्क क्षेत्र में तैनात किया, जहां यूक्रेनी सेना ने अगस्त 2024 में सीमा पार घुसपैठ की थी। दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी के अनुमान के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने करीब 10,000 से 15,000 सैनिक भेजे थे, जिनमें से लगभग 6,000 सैनिक मारे गए और हजारों घायल हो चुके हैं। हालांकि, उत्तर कोरिया ने आधिकारिक तौर पर नुकसान की संख्या का खुलासा नहीं किया है, लेकिन अप्रैल 2025 में उसने पहली बार सैनिकों की तैनाती की पुष्टि की थी। शिलान्यास के दौरान किम जोंग उन ने भावुक भाषण दिया। उन्होंने कहा, यह संग्रहालय सच्चे देशभक्तों की अमरता का पवित्र स्थल होगा। किम ने अपने सैनिकों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्रभक्ति की अनुपम मिसाल कायम की और रूस को निर्णायक विजय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस के साथ सैन्य भाईचारे की बुनियाद मजबूत होगी और यह संबंध निरंतर आगे बढ़ेंगे। समारोह में कुरस्क से लौटे सैनिकों को गले लगाते और उनके चेहरों को सहलाते हुए किम की तस्वीरें जारी की गईं।
इसके अलावा, शहीद सैनिकों के परिवारों को भी आमंत्रित किया गया था, जो आंसुओं से भीगते हुए कार्यक्रम में शामिल हुए। यह स्मारक उत्तर कोरिया के इतिहास में एक दुर्लभ कदम है, जहां शासक परिवार आमतौर पर सैन्य नुकसान को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं करता। संग्रहालय में शहीद सैनिकों का कब्रिस्तान, स्मारक हॉल, स्मारक स्तंभ के साथ-साथ युद्ध की तस्वीरें, कलाकृतियां और युद्ध के अवशेष प्रदर्शित किए जाएंगे। यह परियोजना रूस-उत्तर कोरिया के बीच नवंबर 2024 में हुए सैन्य समझौते की याद दिलाती है, जिसमें दोनों देशों ने आक्रमण की स्थिति में एक-दूसरे को सभी साधनों से सहायता देने का वादा किया है। इस संधि के तहत रूस ने उत्तर कोरिया को आर्थिक और सैन्य तकनीकी सहायता प्रदान की, जबकि प्योंगयांग ने मिसाइलें, तोपखाने के गोले और सैनिक भेजे। पिछले महीनों में उत्तर कोरिया ने कई बार अपने सैनिकों को सम्मानित किया है। अगस्त 2025 में किम ने 101 शहीद सैनिकों की तस्वीरों के समक्ष घुटने टेककर श्रद्धांजलि दी और जीवित सैनिकों को पदक प्रदान किए। उन्होंने उन्हें महान नायक और देशभक्त कहा। जुलाई 2025 में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान किम ने शहीदों के ताबूतों पर हाथ फेरा, जो राज्य मीडिया द्वारा प्रसारित किया गया। इन आयोजनों में रूसी सांस्कृतिक मंत्रालय के प्रतिनिधि भी भावुक नजर आए। दक्षिण कोरियाई विशेषज्ञों का मानना है कि ये कार्यक्रम जनता का मनोबल बढ़ाने और रूस के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए हैं, खासकर जब युद्ध समाप्ति के बाद मॉस्को का समर्थन जारी रहने की चिंता है।
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