Ukraine के ड्रोन हमलों का जवाब देने रुस ने चलाया ब्रह्मास्त्र, जेलेंस्की की उड़ी नींद
कीव। रूस और यूक्रेन का युद्ध अब स्वाभिमान का सवाल बन गया है। करीब तीन सालों से जारी युद्ध में कोई भी झुकने को तैयार नहीं है। ऐसे में अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नए ब्रह्मास्त्र से यूक्रेन खौफ में आ गया है। पुतिन का ये नया ब्रह्मास्त्र ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की नींद उड़ा दी है? यूक्रेन के डिफेंस इंटेलिजेंस प्रमुख किरिलो बुडानोव ने रूस के अत्याधुनिक फाइबर ऑप्टिक ड्रोन को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यूक्रेन के पास रूस के इस हथियार का कोई तोड़ नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ड्रोन वॉर जीत रहे थे लेकिन अब रूस ने बड़े स्तर पर फाइबर ऑप्टिर एफपीवी ड्रोनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। ये हमारे लिए बहुत मुश्किल है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर से इसे रोक पाना असंभव है। हम इसका तकनीकी समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगे। बता दें कि बीते कुछ समय से यूक्रेन की सेना को रूस के इस नए तरह के एफवीपी ड्रोन कामिखाजा के नए प्रकार का पता चला है। रूस के इस एफवीपी कामिखाजा ड्रोन को सेना की लैब में तैयार किया गया है।
रूस और यूक्रेन के बीच ये जंग ड्रोन युद्ध के रूप में बदल चुकी है। दोनों मुल्क जमकर ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में युद्ध के बीच ये समझ पाना मुश्किल है कि कौन सा ड्रोन किसका है। ये ड्रोन अद्भुत कंट्रोल सिस्टम से लैस हैं जो फाइबर ऑप्टिक केबल से चलते हैं। रूस के ये नए ड्रोन इतने सशक्त और भेदी हैं कि ये वायरलेस रेडियो फ्रीक्वेंसी से भी बचकर निकल जाते हैं। दरअसल पारंपरिक ड्रोन जीपीएस और आरएफ सिग्नल पर निर्भर होते हैं और इन्हें जैमिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर टेक्टिक्स के जरिए डिसेबल किया जा सकता है। इससे पहले भी यूक्रेन में रूसी सेना की स्पेशल मिने बटालियन दुश्मन के ठिकानों को ढूंढकर निशाना बना रही है। इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए रूसी सेना एफपीवी-ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। रूसी सैनिक एफपीवी-ड्रोन में जैविक हथियार जोड़ने के लिए फिटिंग बनाने के लिए 3डी-प्रिंटर का इस्तेमाल करते हैं। अब इसी ड्रोन का लेटेस्ट वर्जन यूक्रेन के लिए सिरदर्द बन गया है। यूक्रेन परेशान है इसका जवाब कैसे दिया जाए।
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