तीन मोर्चों में जंग लड़ रहे इजरायली सैनिकों में आत्महत्या के मामले बढ़े, चिंतित Netanyahu खुद मैदान में उतरे
तेलअवीव। साल 2024 में इजरायल पूरी तरह युद्ध फंसा दिखाई दिया और नये साल में यहूदी देश के खिलाफ युद्ध का नए मोर्चे खुलने से जंग में और ज्यादा फंसे रहने की उम्मीद है। अक्टूबर 2023 में हमास द्वारा किए भीषण हमले के बाद इजरायल दुश्मन देशों पर कहर बनकर टूट रहा है। पहले हमास फिर लेबनान और अब नए साल के साथ ही यमन के हूती विद्रोहियों के साथ इजरायल की जंग शुरू हो चुकी है। लेकिन युद्ध के तीन मोर्चों में उलझे इजरायली सैनिकों की मनोस्थिति ठीक नहीं है। इजरायल की फौज यानी आईडीएफ का डेटा कहता है कि युद्ध शुरू होने के बाद से सैनिकों में आत्महत्या की संख्या बढ़ी है। 2023 और 2024 में 38 सैनिकों ने सुसाइड किया। हमास के खिलाफ शुरू हुए युद्ध के बाद से आत्महत्या के 28 मामले सामने आए। चिंतित नेतन्याहू सरकार ने सैनिकों की आत्महत्या रोकने के लिए 800 से ज्यादा डॉक्टरों की टीम को मदद के लिए उतार दिया है। वे लगातार सैनिकों की काउंसलिंग कर रहे हैं। आईडीएफ ने बीते दो वर्षों में हुई मौतों के आंकड़े जारी कर कहा है कि युद्ध के दौरान सेना में आत्महत्याओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है। जहां 2023 और 2024 में 38 सैनिकों ने आत्महत्या की है, उसमें से 28 ने 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के बाद आत्महत्या की। 2022 में आईडीएफ में 14 आत्महत्याएं दर्ज हुईं और 2021 में यह संख्या 11 थी। वहीं आईडीएफ के अनुसार, 558 सैनिक मारे गए, जिसमें 512 की जंग के दौरान मौत हुई। दुर्घटनाओं में 16 सैनिकों की मृत्यु हुई, जिसमें प्रशिक्षण के दौरान दो, नागरिक कार दुर्घटनाओं में चार, सैन्य कार दुर्घटनाओं में पांच, एक आकस्मिक हथियार विस्फोट के परिणामस्वरूप और 10 की बीमारी से मौत हुई।
2024 में, आईडीएफ ने सेना में कुल 363 मौतें दर्ज कीं, जिनमें युद्ध के दौरान परिचालन गतिविधि में 295 और आतंकवादी हमलों में 11 मौतें शामिल हैं। दुर्घटनाओं में 23 सैनिक मारे गए, 17 नागरिक कार दुर्घटनाओं में, तीन सैन्य कार दुर्घटनाओं में तथा 13 की मृत्यु बीमारी के कारण हुई। युद्ध की शुरुआत से लेकर अब तक आईडीएफ के 891 सैनिक मारे गए हैं। इसमें 7 अक्टूबर के हमले के दौरान 329, गाजा में लड़ाई के दौरान करीब 390, उत्तरी इजरायल पर हमलों में 37, लेबनान के अंदर लड़ाई के दौरान 50 और वेस्ट बैंक में 11 सैनिक मारे गए। आईडीएफ के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष के दौरान आईडीएफ में कुल मृत्यु दर में 2023 की तुलना में कमी आई है, लेकिन आत्महत्याओं की संख्या में वृद्धि हुई है। आईडीएफ का कहना है कि 2024 में कम से कम 21 सैनिकों ने आत्महत्या कर दी, जिसमें सात भर्ती किए गए सैनिक, दो कैरियर सैनिक और 12 रिजर्व सैनिक शामिल हैं। आईडीएफ ने बताया कि सेना में आत्महत्याओं को रोकने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। सैनिकों की काउंसलिंग के लिए 24 घंटे सातों दिन हेल्पलाइन शुरु की गई है। अक्टूबर 2023 में सेल के स्थापित करने के बाद से काउंसलिंग के लिए 3900 से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं। आईडीएफ ने युद्ध के दौरान सैनिकों की मनोस्थिति ठीक करने के लिए 800 से अधिक डॉक्टरों की टीम को भी नियुक्ति किया है।
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