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Trump की नसें पड़ने लगीं काली, ये बीमारी कैसे होती है और कितनी खतरनाक है

Trump की नसें पड़ने लगीं काली, ये बीमारी कैसे होती है और कितनी खतरनाक है

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी(सीवीआई) नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी (सीवीआई) एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें पैरों की नसें सही तरीके से खून को वापस हार्ट तक नहीं पहुंचा पाती हैं। सामान्य रूप से नसों में छोटे-छोटे वाल्व होते हैं, जो खून को हार्ट की तरफ फ्लो कराते हैं। अगर ये वाल्व डैमेज हो जाएं या कमजोर पड़ जाएं, तो खून नीचे की ओर लौट सकता है और पैरों में जमा हो सकता है। इससे सीवीआई की कंडीशन पैदा हो जाती है। इसकी वजह से पैरों की नसों में दबाव बढ़ जाता है और पैरों में सूजन के अलावा अल्सर होने लगते हैं। यह बीमारी बहुत खतरनाक नहीं होती है, लेकिन काफी दर्दनाक हो सकती है। मेडिकल चेकअप में ट्रंप की इस बीमारी का पता चला है। व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि 79 साल के राष्ट्रपति ट्रंप के पैरों में सूजन और चोट की वजह से उनका चेकअप किया गया था। इस चेकअप में सीवीआई डिजीज डायग्नोज हुई है। ट्रंप को लेकर जैसे ही यह खबर सामने आई, वैसे ही हर कोई इस बीमारी के बारे में जानना चाहता है। आखिर क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी क्या है और इससे लोगों को किस तरह की परेशानी हो जाती है? व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप को यह परेशानी उनके नियमित हाथ मिलाने की आदत और एस्पिरिन का इस्तेमाल करने से हुई है। डोनाल्ड ट्रंप एस्पिरिन दवा कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से बचने के लिए लेते हैं। सीवीआई कोई घातक बीमारी नहीं है, बल्कि उम्र के साथ और कुछ आदतों की वजह से होने वाली धीमी और पुरानी नसों की समस्या है।

70 साल से ज्यादा के लोगों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों में पैरों या टखनों में सूजन, भारीपन या थकावट का एहसास, त्वचा पर खुजली या झुनझुनी और वैरिकोज नसें शामिल हैं। कुछ मामलों में त्वचा का रंग बदलना, मोटा या चमड़े जैसा होना और पैरों में अल्सर या घाव भी हो सकते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति काफी दर्दनाक और गंभीर हो सकती है। सीवीआई के कारणों की बात करें, तो नसों में पुराने खून के थक्के या चोट से वाल्व को नुकसान होने पर यह परेशानी हो जाती है। उम्र बढ़ने से नसें कमजोर हो जाती हैं और यह समस्या होने लगती है। लंबे समय तक खड़े रहना या बैठना, मोटापा, गर्भावस्था, अनुवांशिक कारण, स्मोकिंग, कम शारीरिक गतिविधि और फैमिली हिस्ट्री जैसे फैक्टर्स भी इस बीमारी की वजह बन सकते हैं। ठीक भी हो जाती है ये बीमारी सीवीआई की समस्या को इलाज के जरिए पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस परेशानी को कंट्रोल करना संभव है। लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे- नियमित वॉक करना, पैरों को ऊंचा रखना और हेल्दी वेट मेंटेन करने से यह बीमारी कंट्रोल हो सकती है। कंप्रेशन स्टॉकिंग्स पहनने से नसों पर दबाव डाला जाता है, जिससे ब्लड फ्लो नॉर्मल हो जाता है। एंटीबायोटिक्स, खून पतला करने की दवाएं और मेडिकेटेड रैप्स जैसी दवाइयों से इसे कंट्रोल किया जाता है। स्क्लेरोथेरेपी यानी इंजेक्शन द्वारा नस बंद करना, एंडोवेनस एब्लेशन और कुछ मामलों में नस की सर्जरी भी की जाती है।

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