Trump का खेल: एक तरफ गाजा पर बमबारी दूसरी तरफ इजरायल-सीरिया में होगी दोस्ती?
दमिश्क। अमेरिकी दबाव के बीच सीरिया और इजरायल के बीच सुरक्षा समझौते को लेकर बातचीत तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, सीरिया चाहता है कि इस समझौते से इजरायल की ओर से हाल ही में कब्जा की गई उसकी जमीन वापस मिले। हालांकि, यह समझौता शांति संधि से काफी कम स्तर का होगा। अमेरिका चाहता है कि इस महीने के अंत में न्यूयॉर्क में होने वाली यूएन महासभा से पहले इतनी प्रगति हो जाए कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर सकें। सूत्रों का कहना है कि अगर मामूली समझौता भी होता है, तो यह बड़ी बात होगी क्योंकि इजरायल का रुख कड़ा है और सीरिया की स्थिति गृहयुद्ध और सांप्रदायिक हिंसा के बाद कमजोर हो चुकी है। एक तरफ गाजा पर बमबारी दूसरी तरफ इजरायल-सीरिया में दोस्ती वैश्विक स्तर पर चर्चित हो रही है। इजरायल ने मंगलवार को यमन के होडैदा शहर पर जबरदस्त हवाई हमले किए। आईडीएफ ने दावा किया कि यह हमला हूतियों की ‘सैन्य ढांचे’ पर किया गया, जिसका इस्तेमाल ईरान से हथियार लाने और इज़रायल व उसके सहयोगियों पर हमले करने में होता है।
हूती प्रवक्ता याह्या सरी ने कहा कि उनकी एयर डिफेंस ने इजरायली विमानों को ‘भारी भ्रम’ में डाल दिया और कुछ फॉर्मेशन को यमनी हवाई क्षेत्र छोड़ने पर मजबूर कर दिया। इजरायल ने ‘गाजा सिटी’ पर पूरी तरह कब्जे के लिए अपने हमले के मुख्य चरण की शुरुआत कर दी। इसके बाद गाजा के सबसे बड़े शहर से हजारों लोग अपने सामाने से भरी गाड़ियों में निकलते देखे गए। रिपोर्ट के मुताबिक गाजा की तटीय सड़क पर गाड़ियों और ट्रकों की लंबी कतारें लगी थीं, जिन पर गद्दे और अन्य सामान बंधे हुए थे। कई लोग गाड़ियों की छतों पर बैठे थे, जबकि कुछ पैदल ही शहर छोड़ रहे थे। कई देशों के बीच भरोसे की भारी कमी है। इजरायल इस समझौते को लेकर ज्यादा रियायत देने को तैयार नहीं है। अमेरिकी अधिकारी मानते हैं कि ट्रंप इस डील को अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि के तौर पर दिखाना चाहते हैं। पिछले कुछ महीनों में अबू धाबी, बाकू और पेरिस में हुई मुलाकातों में माहौल तनावपूर्ण रहा। पेरिस की वार्ता में पहली बार सीरिया ने खुले तौर पर स्वीकार किया कि वह इजरायल के साथ सीधी बातचीत कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इजरायल लंबे समय में भी गोलन लौटाने को तैयार नहीं है। उसने अमेरिका के जरिए संकेत दिया है कि अगर सीरिया गोलन छोड़ दे तो वह दक्षिण सीरिया से हट सकता है। लेकिन दमिश्क ने इसे खारिज कर दिया। सीरिया के दक्षिण में इजरायली सेना की दखलअंदाजी और स्थानीय संघर्षों ने माहौल को और जटिल बना दिया है। इजरायल का कहना है कि उसकी कार्रवाई केवल अपनी सुरक्षा के लिए है। वहीं, सीरियाई सेना अब सीधी भिड़ंत से बचने की रणनीति अपना रही है।
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