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  • Thursday, 23 October 2025
Vodafone Idea की लग सकती है लॉटरी, ब्रिटेन को खुश करने मोदी सरकार कर सकती ये ऐलान

Vodafone Idea की लग सकती है लॉटरी, ब्रिटेन को खुश करने मोदी सरकार कर सकती ये ऐलान

नई दिल्ली। भारत सरकार वोडाफोन आइडिया (वीआई) के करीब 2 लाख करोड़ (करीब 22.5 अरब डालर) के पुराने बकाया विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने की तैयारी में है। मोदी सरकार का मुख्य उद्देश्य कंपनी को वित्तीय राहत देकर दोबारा ट्रैक पर लाना और साथ ही भारत और ब्रिटेन (यूके) के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना है। रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार इस विवाद को एकमुश्त निपटान के जरिए खत्म करना चाहती है। इसके लिए, निम्नलिखित रियायतों पर विचार किया जा रहा है। सबसे पहले बकाया राशि पर लगे ब्याज और जुर्माने में रियायत दी जा सकती है। इसके बाद, मूल बकाया राशि पर भी कुछ छूट देने पर विचार किया जा सकता है। यह कदम क्यों उठाया जा रहा है? वोडाफोन आइडिया भारी वित्तीय संकट में है और 2016 के बाद से कोई तिमाही मुनाफा नहीं हुआ है। केंद्र सरकार का मानना है कि यह समझौता कंपनी को नई पूंजी और निवेश जुटाने में मदद करेगा, जिससे वह नेटवर्क विस्तार और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार कर सकेगी। मोदी सरकार ने 2023 में कर्ज के बदले वोडाफोन आइडिया में 49 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल की है, जिससे अब इसमें पब्लिक फंड जुड़ा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में भी मोदी सरकार के वकील ने कुछ समाधान जरूरी है कहा था। बात दें कि वोडाफोन एक ब्रिटिश कंपनी है। यह कदम ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के भारत दौरे से ठीक पहले उठाया जा रहा है। यह विवाद सुलझने से ब्रिटिश निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और हाल ही में हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) के बाद दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते और मजबूत होने है। वोडाफोन आइडिया विवाद क्या है? यह पूरा विवाद एजीआर यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू की गणना को लेकर है। टेलीकॉम कंपनियों को उनके कुल राजस्व का एक हिस्सा लाइसेंस और स्पेक्ट्रम फीस के रूप में देना चाहिए।

इसमें सिर्फ टेलीकॉम सेवाओं से हुई कमाई शामिल होनी चाहिए, न कि गैर-टेलीकॉम आय (जैसे ब्याज या किराया)। यह मामला सालों तक अदालत में चला और 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के पक्ष में फैसला दिया, जिसके कारण वोडाफोन आइडिया पर करीब 2 लाख करोड़ का भारी बकाया बन गया, जिससे उसकी वित्तीय स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई। यह सरकारी योजना न केवल वोडाफोन आइडिया को राहत दे सकती है, बल्कि भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने और भारत की कूटनीतिक रणनीति (ब्रिटेन जैसे पुराने सहयोगी को मजबूत करना) का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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