Balco बनेगी दूसरी सबसे बड़ी स्मेल्टर कंपनी
1 मिलियन टन क्लब में होगी शामिल
कोरबा/ कोरबा जिले में स्थापित और संचालित वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड का एल्युमिनियम स्मेल्टर प्लांट विश्व की छठवी व देश की दूसरी सबसे बड़ी स्मेल्टर होगी, क्योंकि जल्द ही बालको कंपनी एल्यूमिनियम उत्पादन में वन मिलियन टन के क्लब में शामिल होगी। जानकारी के अनुसार कंपनी के पुराने एल्युमिनियम प्लांट परिसर में ही 5 लाख टन सालाना क्षमता वाला स्मेल्टर बनकर तैयार हो गया है और यह स्मेल्टर कमीशनिंग चरण में है। इस तरह स्मेल्टर से पहली बार धातु बनाने की शुरुआत भी की। कमीशनिंग चरण में नए स्मेल्टर में लगे सिस्टम व अन्य प्रणालियों के निरीक्षण के बाद टेस्टिंग का काम होगा। इससे उत्पादित धातु की क्वालिटी देखने के बाद मार्च 2026 से स्मेल्टर पूरी तरह उत्पादन में आ जाती। अभी बालको कंपनी की सालाना एल्युमिनियम उत्पादन क्षमता 5.85 लाख टन है। विस्तार परियोजना की नए स्मेल्टर की उत्पादन में आने के बाद क्षमता बढ़कर 10.85 लाख टन सालाना होगी। इससे बालको कंपनी वन मिलियन टन के क्लब में शामिल होगी। अभी झारसुगड़ा ओडिशा स्थित वेदांता एल्यूमिनियम वन मिलियन टन क्लब में शामिल है। बालको कंपनी की विस्तार परियोजना आज 2047 के विकसित भारत का ही हिस्सा बन गया है। विनिवेश के समय बालको सिर्फ एक लाख टन एल्यूमीनियम बनाता था। विनिवेश के बाद पूर्व का एक लाख टन बा स्मेल्टर व 2 लाख टन की एल्यूमिना रिफक्रनरी आउट डेटेड होते से डिस्मेंटल से बालको को अपनी विस्तार प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त जमीन की जरूरत नहीं पड़ी। से एल्यूमिनियम उत्पादन में 6 दशक का लंबा सफर बालको कंपनी ने तय किया हैं और अब 1 मिलियन टन सालाना उत्पादन का लक्ष्य साकार होगा।
बालको की एल्युमिनियम स्मेल्टर प्लांट की क्षमता दो गुनी हो जाएगी। इससे देश के एल्युमिनियम उद्योग को रफ्तार मिलेगी। * पहले स्मेल्टर 25 हजार टन सालाना 27 नवंबर 1965 को सार्वजनिक क्षेत्र में एल्युमिनियम उत्पादन करने वाली बालको पहली कंपनी बनी। राज्य गठन के पहले सभी स्मेल्टर 25 हजार टन सालाना क्षमता का रहा। इस तरह छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले कंपनी का सालाना 1 लाख टन एल्युमिनियम उत्पादन क्षमता रहा। विनिवेशीकरण के बाद कंपनी के उत्पाद में एलुमिना, पिघला धातु, ईंगट, एलॉय मेटल, बिलेट, स्लैब, प्रापरजी रॉड, क्सटूशन व रोल्ड भी शामिल हुए। * एल्युमिनियम पार्क बनने पर लघु उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा बालको कंपनी के विनिवेशीकरण के समय ही जिले में एल्युमिनियम पार्क बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी। राज्य की वर्तमान सरकार ने अपने बजट में एल्युमिनियम पार्क के लिए राशि स्वीकृत की। इसके बाद उद्योग विभाग ने उत्पादन कंपनी के बंद पड़ी कोरबा पूर्व प्लांट की जमीन को एल्युमिनियम पार्क लिए देने का प्रस्ताव दिया। ऊर्जाविभाग ने प्रस्ताव पर निर्णय के लिए बिजली उत्पादन कंपनी के बोर्ड को भेज दिया था। बोर्ड ने जमीन देने का निर्णय लिया है। एल्युमिनियम पार्क बनने पर लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के विकल्प भी रहेंगे। मालको प्लांट के नजदीक ही कोरबा पूर्व प्लांट की खाली जमीन होने से धातुको आकार देने फिर से पिघलाने की जरूरत नहीं होगी।
Tags
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!