
महिलाओं में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं Visceral fat से
वाशिंगटन। महिलाओं में विसरल फैट न केवल शरीर में जमा होने वाली चर्बी है, बल्कि इसकी मेटाबॉलिक एक्टिविटी कैंसर के जोखिम को तेज़ी से बढ़ा सकती है। विशेष रूप से यह एंडोमेट्रियल कैंसर को अधिक आक्रामक बना सकता है। यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन रिसर्च के अनुसार, विसरल फैट का खतरा इसलिए अधिक होता है क्योंकि यह सिर्फ स्टोर की गई चर्बी नहीं है, बल्कि यह एक सक्रिय अंग की तरह काम करता है और हार्मोन तथा इंफ्लेमेटरी मार्कर्स छोड़ता है। इसके कारण शरीर में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। सबसे पहले, हार्मोनल असंतुलन: विसरल फैट एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन बढ़ाता है, जिससे यूटेरस की अंदरूनी परत तेजी से बढ़ सकती है और एंडोमेट्रियल कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, यह क्रोनिक इंफ्लेमेशन भी पैदा करता है। शरीर में लगातार सूजन होने से सेल्स के डीएनए को नुकसान पहुंच सकता है, जो कैंसर का मुख्य कारण बन सकता है। तीसरी वजह इंसुलिन रेजिस्टेंस है। विसरल फैट शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम करता है, जिससे ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है।
हाई इंसुलिन एंडोमेट्रियल सेल्स के अनियंत्रित बढ़ने को प्रोत्साहित करता है, जिससे कैंसर का खतरा और बढ़ जाता है। एंडोमेट्रियल कैंसर की शुरुआती पहचान करना बेहद जरूरी है। इसके लक्षणों में वेजाइना से अनियमित या असामान्य ब्लीडिंग, पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग या स्पॉटिंग, हैवी पीरियड फ्लो और पेल्विक में लगातार दर्द या ऐंठन शामिल हैं। इसके अलावा सेक्स के दौरान या बाद में दर्द और मेनोपॉज के बाद वेजाइना से सफेद या गुलाबी पानी आना भी चेतावनी का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं को अपने शरीर के इन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए और किसी भी असामान्यता पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वजन नियंत्रण, हेल्दी डायट और नियमित व्यायाम से विसरल फैट को कम करना एंडोमेट्रियल कैंसर के जोखिम को घटाने में मदद कर सकता है।
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