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चौतरफा ताकत बढ़ा रहा रूस, Putin ने नौसेना विकास रणनीति को दी मंजूरी

चौतरफा ताकत बढ़ा रहा रूस, Putin ने नौसेना विकास रणनीति को दी मंजूरी

मॉस्को। धरती,आकाश और समुद्र में रूस अपनी ताकत बढ़ा रहा है। रूस की सुरक्षा के लिए चौतरफा इंतजाम कर रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2050 तक रूसी नौसेना के विकास के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति को मंजूरी दी है। राष्ट्रपति के सहयोगी निकोलाई पेत्रुशेव ने सोमवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में ये सूचना दी। इस रणनीति में, विशेष सैन्य अभियान के दौरान प्राप्त परिचालन अनुभव के आलोक में नौसेना की वर्तमान स्थिति और क्षमताओं का आकलन किया गया है। निकोलाई पेत्रुशेव मेरीटाइम बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। रूस ने अपने रक्षा और सुरक्षा खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जो सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सेदारी के संदर्भ में शीत युद्ध युग के बराबर स्तर पर पहुंच गया है। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस का अनुमान है कि रूस के पास 79 पनडुब्बियों का बेड़ा है, जिसमें 14 परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां और 222 युद्धपोत शामिल हैं। इसकी नौसैनिक शक्ति का मुख्य भाग उत्तरी बेड़े में केंद्रित है, जो बैरेंट्स सागर के किनारे सेवेरोमोर्स्क में स्थित है।

वैश्विक समुद्री वातावरण, सैन्य खतरों के विकास और स्पष्ट रूप से परिभाषित राष्ट्रीय लक्ष्यों की समझ के बिना एक शक्तिशाली और आधुनिक नौसेना विकसित नहीं की जा सकती। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 30 मई को जिस दस्तावेज़ को मंजूरी दी थी, उसमें अंतरराष्ट्रीय सैन्य- राजनीतिक स्थिति, सशस्त्र संघर्षों के संभावित परिदृश्य और प्रमुख शक्तियों की नौसैनिक क्षमताओं का विश्लेषण शामिल है। इसमें शांति और युद्ध दोनों समय में रूस की नौसेना बलों के लिए रणनीतिक उद्देश्य और बेड़े की भविष्य की संरचना और आधुनिकीकरण के लिए प्रमुख मापदंड निर्धारित किए गए हैं। पेत्रुशेव ने कहा, एक शब्द में कहें तो यह एक महत्वपूर्ण दीर्घकालिक दस्तावेज़ है जो इस प्रश्न का उत्तर देता है कि विश्व महासागर में अपने हितों की प्रभावी रक्षा के लिए रूस की नौसैनिक शक्ति कैसी होनी चाहिए। पेत्रुशेव ने इससे अधिक जानकारी नहीं दी। सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रैंकिंग के अनुसार, रूस के पास चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली नौसेना है।

हालांकि, यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में रूसी नौसेना को कई उल्लेखनीय असफलताओं का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 11 अप्रैल को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि वह अगले दशक में अपनी नौसेना को उन्नत बनाने के लिए 8.4 ट्रिलियन रूबल (लगभग 100.5 बिलियन डॉलर) आवंटित करेंगे। नौसेना के विकास पर आयोजित एक बैठक में पुतिन ने कहा था कि बदलती वैश्विक स्थिति, उभरती चुनौतियों, समुद्री खतरों और तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति के कारण नौसेना की एक नई छवि के निर्माण की आवश्यकता है।पुतिन ने कहा, रूसी नौसेना के सामरिक परमाणु बलों में आधुनिक हथियारों और उपकरणों की हिस्सेदारी 100 प्रतिशत है। भविष्य में इस आंकड़े को बनाए रखना होगा। नौसेना ने देश की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने और विश्व के महासागरों में रूस के हितों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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