
दोस्ती या दुश्मनी दोनों में दो कदम आगे है इजरायल, 3 के बदले 90 Palestinian कैदियों को किया रिहा
तेलअवीव। इजरायल वो देश है जो दोस्ती और दुश्मनी दोनों में आगे रहता है। हमास से दुश्मनी हुई तो इजरायल ने मटियामेट करके ही दम लिया। अब दोस्ती की बात हुई तो उन्होंने तीन बंधकों को रिहा किया तो बदले में इजरायल ने 90 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रक्रिया तीन इजरायली बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिए रेड क्रॉस की हमास से मुलाकात के बीच हुई है। तीनों महिला बंधकों को रिहा किया जा चुका है। तीन महिलाएं 28 वर्षीय ब्रिटिश-इजरायली एमिली डमारी, 30 वर्षीय पशु-चिकित्सा नर्स डोरोन स्टीनब्रेचर और 23 वर्षीय रोमी गोनेन, जिन्हें नोवा संगीत समारोह से अगवा किया गया था। 471 दिनों की कैद के बाद मुक्त होने वाली पहली बंधक थी। उनकी रिहाई समझौते के प्रारंभिक चरण को चिह्नित करती है, जिसमें हमास द्वारा 33 इजरायली बंधकों और इजरायल द्वारा 990 से 1,650 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहा होंगे। समझौते के तहत 90 फिलिस्तीनी कैदियों के पहले समूह को रेड क्रॉस को सौंपने से पहले चिकित्सा जांच और पहचान प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा।
जिनमें ज्यादातर पश्चिमी तट और पूर्वी येरुशलम से महिलाएं और बच्चे थे। बदले में, हमास ने रेड क्रॉस के माध्यम से तीनों इजरायली बंधकों को गाजा सीमा के पास इजरायली बलों को सौंप दिया, जहां उन्हें उनके परिवारों से मिला दिया गया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस क्षण को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, तीनों को नरक से गुजरना पड़ा। आईडीएफ प्रवक्ता डैनियल हगारी ने उनकी वापसी के लिए आभार व्यक्त किया तथा इस बात पर बल दिया कि इजरायली सेना समझौते के किसी भी उल्लंघन के खिलाफ एक्ट करने को तैयार है। युद्ध विराम समझौता, जिसका उद्देश्य गाजा में 15 महीने से अधिक समय से चल रहे इजरायली हवाई हमलों के बाद शत्रुता को रोकना है।
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