
BRICS को धमकाने वाले ट्रंप को ब्राजील की चेतावनी कहा- किसी सम्राट की हुकूमत नहीं चलेगी
रियो डी जेनेरियो। अमेरिका की चल रही दादागिरि के खिलाफ ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि दुनिया को किसी सम्राट की जरूरत नहीं है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के समापन पर रियो में संवाददाताओं से बात करते हुए लूला ने कहा, दुनिया बदल चुकी है। अब हमें किसी सम्राट की हुकूमत नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, ब्रिक्स देशों का मकसद दुनिया को आर्थिक रूप से एक अलग तरीके से संगठित करना है। शायद यही वजह है कि कुछ लोग असहज महसूस कर रहे हैं। ट्रंप पहले भी चेतावनी दे चुके हैं कि अगर ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर की भूमिका को वैश्विक व्यापार में कमजोर करने की कोशिश करते हैं, तो वे 100 प्रतिशत टैरिफ के शिकार होंगे। यह धमकी ऐसे समय आई है जब अमेरिकी सरकार दर्जनों देशों के साथ व्यापार समझौतों को अंतिम रूप देने की तैयारी में है। ट्रंप ने 9 जुलाई तक का समय तय किया था, जिसके बाद वे इन “जवाबी टैरिफ को लागू करेंगे। हालांकि ब्रिक्स की साझा मुद्रा लाने की योजना पर ब्राजील पहले ही पीछे हट चुका है, फिर भी लूला ने सोमवार को दोहराया कि वैश्विक व्यापार को केवल अमेरिकी डॉलर पर निर्भर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, दुनिया को एक ऐसा तरीका खोजने की जरूरत है जिससे हमारे व्यापारिक लेन-देन को डॉलर के रास्ते न गुजरना पड़े। लेकिन हमें यह काम सावधानी से करना होगा।
हमारे केंद्रीय बैंकों को दूसरे देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए। अन्य ब्रिक्स नेताओं ने भी ट्रंप की धमकियों पर प्रतिक्रिया दी, हालांकि अपेक्षाकृत संयमित भाषा में। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि ब्रिक्स का उद्देश्य किसी अन्य वैश्विक शक्ति से प्रतिस्पर्धा करना नहीं है। उन्होंने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर आशावाद भी जताया। चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में कहा, टैरिफ का इस्तेमाल दबाव डालने या जबरदस्ती के उपकरण के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स सभी के लिए फायदे वाले सहयोग को बढ़ावा देता है और “किसी देश को लक्षित नहीं करता। रूस की ओर से क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिक्स के साथ रूस का सहयोग एक साझा वैश्विक दृष्टिकोण पर आधारित है और यह कभी भी किसी तीसरे देश के खिलाफ निर्देशित नहीं होगा। जैसे-जैसे ट्रंप के टैरिफ डेडलाइन की तारीख नजदीक आ रही है, ब्रिक्स और अमेरिका के बीच भू-आर्थिक तनाव गहराने की आशंका बढ़ रही है। पर फिलहाल, ब्रिक्स देश अपनी स्वतंत्र आर्थिक रणनीति के प्रति प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं- बिना किसी वैश्विक “सम्राट”के दबाव के।
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