White House में भारत के दुश्मनों का जमघट: ट्रंप के दरबार में तुर्की भी लगाएगा हाजिरी
वॉशिंगटन। कुछ ही दिनों में अमेरिका के वाइट हाउस में हाई-प्रोफाइल दरबार लगने वाला है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस दरबार में भारत के दुश्मनों की महफिल सजने वाली है। भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया रखने वाले तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होने वाली है। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति अपने दूसरे कार्यकाल में राष्ट्राध्यक्ष कम और व्यापारी ज्यादा नजर आ रहे हैं। उन्हें जहां और जिससे आर्थिक लाभ दिख रहा है, वे उनसे दोस्ती करने में संकोच नहीं कर रहे हैं। आतंकवादियों को पनाह देने के लिए दुनियाभर में कुख्यात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ भी वाइट हाउस में हाजिरी लगाने वाले हैं। पीएम शाहबाज के साथ आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी होंगे। दक्षिण एशिया के रीजनल सिक्योरिटी में ताबड़तोड़ बदलाव के बीच शाहबाज और मुनीर की ट्रंप से मुलाकात होनी है। आतंकवादियों के हितैषी का साथ देने वाले एर्दोगन की उपस्थिति इस पूरे मामले को और भी गंभीर बनाता है। ऐसे में भारत को सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है।दरअसल, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक होने वाली है, जिसमें दुनिया के तमाम दिग्गज जुटने वाले हैं। इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया कि वे 25 सितंबर 2025 को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की मेजबानी करने वाले हैं।
ट्रंप ने लिखा, ‘मुझे 25 सितंबर को व्हाइट हाउस में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की मेजबानी कर खुशी होगी। हम राष्ट्रपति के साथ कई व्यापारिक और सैन्य समझौतों पर काम कर रहे हैं, जिनमें बोइंग विमानों की बड़े पैमाने पर खरीद, एफ-16 फाइटर जेट सौदा और एफ-35 पर बातचीत को आगे बढ़ाना शामिल है। हमें उम्मीद है कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। राष्ट्रपति एर्दोगन और मेरे बीच हमेशा से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। मैं 25 तारीख को उनसे मिलने के लिए उत्सुक हूं! पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर 25 सितंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कतर और सऊदी अरब ने शहबाज़-ट्रंप बैठक को समर्थन दिया है। इस बैठक में पाकिस्तानी सेना प्रमुख फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी मौजूद रहेंगे। रिपोर्ट के अनुसार बैठक का एजेंडा व्यापक हो सकता है, जिसमें पाकिस्तान में आई बाढ़, भारत-पाकिस्तान की स्थिति और कतर पर इज़राइल के हमले के असर जैसे मुद्दों पर चर्चा शामिल हो सकती है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब कुछ महीने पहले जनरल आसिम मुनीर ने डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी।
उस बैठक में दोनों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी प्रयासों और रक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर बातचीत हुई थी। जून में हुई वह मुलाकात मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सशस्त्र संघर्ष के बाद हुई थी। आतंकवादियों के हिमायती एर्दोगन पाकिस्तान के इशारे पर पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी हमला किया गया था। इस अटैक में निर्दोष पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया गया था। इसके बाद भारत ने आतंक के खिलाफ बड़ी मुहिम शुरू की थी, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया गया। भारत के सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के कई ठिकानों को तबाह कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव हो गया। तुर्की ने इस दौरान पाकिस्तान को न केवल हथियार और ड्रोन मुहैया कराया, बल्कि अपने डिफेंस इंजीनियर्स को भी इस्लामाबाद भेजा। इन्होंने ऑपरेशनल एक्टिविटी में महत्वूर्ण भूमिका निभाई। अब भारत के लिए चिंता की बात यह है कि यदि अमेरिका तुर्की को पांचवीं पीढ़ी का F-35 फाइटर जेट देता है तो इसके पाकिस्तान पहुंचने में शायद ही देर लगे। बता दें कि तुर्की द्वारा पाकिस्तान को मिलिट्री हार्डवेयर देने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
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