अचानक थरथराने लगी Venezuela की धरती, पड़ोसी देशों में भी लगे झटके
मेने ग्रांडे। बीते रोज वेनेजुएला में 6.2 की तीव्रता से भूकंप आया और सभी को डरा दिया। यहां उत्तर-पश्चिमी हिस्से में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। ये झटके पड़ोसी देश कोलंबिया तक पहुंचे। स्थानीय लोगों ने तुरंत घरों और दफ्तरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर रुख किया। फिलहाल दोनों देशों से किसी बड़े नुकसान या जनहानि की रिपोर्ट नहीं आई है। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 6.2 थी और इसका केंद्र ज़ुलिया प्रांत के मेने ग्रांडे कस्बे से 24 किलोमीटर दूर था। राजधानी काराकस से यह इलाका लगभग 600 किलोमीटर पश्चिम में है। भूकंप का केंद्र सिर्फ 7.8 किलोमीटर की गहराई पर था, जिसकी वजह से कंपन कई राज्यों में महसूस हुआ। मेने ग्रांडे झील माराकाइबो के पूर्वी तट पर स्थित है, जो वेनेज़ुएला के तेल उद्योग का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। यह वही देश है जिसके पास दुनिया के सबसे बड़े सिद्ध तेल भंडार हैं। हालांकि, भूकंप के बाद सरकारी चैनल ने अपने नियमित कार्यक्रम जारी रखे और राष्ट्रपति निकोलस मादुरो विज्ञान आधारित सेगमेंट में नजर आए। अभी तक वेनेज़ुएला सरकार की ओर से आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है। राहत एजेंसियां और विशेषज्ञ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी बैरेन आइलैंड, अंडमान सागर में 20 सितंबर को फट पड़ा। यह नजारा दक्षिण एशिया के लिए बेहद दुर्लभ माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह विस्फोट दो दिन पहले आए 4.2 तीव्रता के भूकंप का नतीजा था। यह ज्वालामुखी निर्जन द्वीप पर स्थित है, इसलिए फिलहाल किसी इंसानी बस्ती को खतरा नहीं है। हालांकि, इस घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि यही इलाका 2004 की सुनामी का कारण बने बड़े फॉल्ट ज़ोन पर स्थित है। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय भूकंपीय विज्ञान केंद्र के निदेशक ओपी मिश्रा ने बताया कि ज्वालामुखी के नीचे मौजूद मैग्मा चैंबर में भूकंप से हुई हलचल ने ‘असमय मैग्मेटिक इरप्शन’ को जन्म दिया। बैरेन आइलैंड पर इस तरह की घटनाएं इससे पहले 1991, 2004 और 2005 में भी दर्ज की गई थीं। बैरेन आइलैंड लगभग 3.2 किलोमीटर व्यास का गोलाकार द्वीप है।
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