Dark Mode
  • Thursday, 25 December 2025
NASA के भारतवंशी वैज्ञानिक खोलेंगे सूर्यग्रहण के प्रभाव का राज

NASA के भारतवंशी वैज्ञानिक खोलेंगे सूर्यग्रहण के प्रभाव का राज

  • सूर्यग्रहण के दौरान छोड़े जाएंगे तीन रॉकेट


वा‎शिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भारतवंशी वैज्ञानिक आरोह बड़जात्या को सूर्यग्रहण से वायुमंडल में होने वाले प्रभाव से राज खोलने वाले मिशन की जिम्मेदारी सौंपी है। अमेरिका के कई हिस्सों में 14 अक्तूबर को सूर्य की चमक 10 फीसदी तक फीकी पड़ती दिखेगी। इस कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के दौरान दौरान आरोह की टीम तीन रॉकेट लॉन्च करेगी। गौरतलब है कि भारतवंशी वैज्ञानिक बड़जात्या फ्लोरिडा में एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी में भौतिकी के प्रोफेसर हैं। उनका कहना है कि एटमास्फेरिक परटरबेशंस अराउंड द इक्लिप्स पाथ (एपीईपी) नामक इस मिशन का उद्देश्य सूर्य की रोशनी में अचानक आई कमी हमारे ऊपरी वायुमंडल को किस तरह प्रभावित करती है अध्ययन करना है।

मिशन के दौरान पहला रॉकेट सूर्यग्रहण से 35 मिनट पहले लॉन्च किया जाएगा। दूसरा रॉकेट सूर्यग्रहण के दौरान और तीसरा 35 मिनट के बाद छोड़ा जाएगा। इन रॉकेट्स को वलयाकार पथ के ठीक बाहर की ओर भेजा जाएगा जहां सूर्य के सामने से चंद्रमा गुजरता है। वैज्ञानिक अरोह बड़जात्या ने जानकारी दी कि इनमें लगे उपकरण विद्युत व चुंबकीय क्षेत्र, घनत्व और तापमान आदि में आने वाले बदलावों का अध्ययन करेंगे।

Comment / Reply From

You May Also Like

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!