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  • Thursday, 25 December 2025
दुनिया में तेजी से हो रही है Plutonium के स्टॉक में वृद्धि

दुनिया में तेजी से हो रही है Plutonium के स्टॉक में वृद्धि

  • अमेरिका-बेस्ड International  संगठन न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव ने अपनी रिपोर्ट में कहा

वॉशिंगटन। पिछले एक दशक में पहली बार न्यूक्लियर सिक्योरिटी रिस्क बढ़ रहा है। परमाणु सुरक्षा की स्थिति का मूल्यांकन करने वाले अमेरिका-बेस्ड अंतरराष्ट्रीय संगठन न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव (एनटीआई) ने अपनी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। वहीं एनटीआई ने न्यूक्लियर वेपन की सेफ्टी के मामले में पाकिस्तान को भारत से बेहतर रैंकिंग दी है। नई रैंकिंग में संगठन ने पाकिस्तान को भारत, ईरान और उत्तर कोरिया से आगे रखा है। उसे इस बार पहले से तीन अंक ज्यादा मिले हैं और 22 देशों की सूची में 19वां स्थान हासिल किया है। उसके बाद 40 अंकों के साथ भारत 20वें स्थान पर है। एनटीआई के मुताबिक, दुनिया में प्लुटोनियम के स्टॉक में वृद्धि हुई है। यूरेनियम की तरह ही इसका इस्तेमाल भी परमाणु हथियार बनाने में किया जा सकता है।


इंडेक्स के मुताबिक 2019 के बाद से प्लुटोनियम के वैश्विक भंडार में 17 हजार किलोग्राम यानी 19 टन की बढ़ोतरी हुई है। ये 2,100 परमाणु हथियार बनाने के लिए काफी हैं। न्यूक्लियर पावर प्लांट्स में प्लुटोनियम का काफी इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह से भारत समेत फ्रांस, ब्रिटेन, जापान और रूस में ये सबसे ज्यादा मात्रा में मौजूद है। इसके अलावा अमेरिका में भी इस न्यूक्लियर मटीरियल का बड़ा भंडार है। रिपोर्ट के मुताबिक, 22 में से 12 देशों में पॉलिटिकल अस्थिरता की वजह से न्यूक्लियर मटीरियल को लेकर रिस्क सबसे ज्यादा है। वहीं, न्यूक्लियर फैसिलिटी की सुरक्षा के मामले में भी पाकिस्तान की रैंकिंग भारत से आगे है। 47 देशों की सूची में पाकिस्तान को 61 अंक मिले हैं और वो रूस और इजराइल के साथ 32वें स्थान पर है, जबकि भारत इस लिस्ट में 52 अंकों के साथ 40वें स्थान पर है।


प्लुटोनियम का भंडार 17 हजार किलोग्राम बढ़ा


इंडेक्स के मुताबिक 2019 के बाद से प्लुटोनियम के वैश्विक भंडार में 17 हजार किलोग्राम यानी 19 टन की बढ़ोतरी हुई है। ये 2,100 परमाणु हथियार बनाने के लिए काफी हैं। न्यूक्लियर पावर प्लांट्स में प्लुटोनियम का काफी इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह से भारत समेत फ्रांस, ब्रिटेन, जापान और रूस में ये सबसे ज्यादा मात्रा में मौजूद है। इसके अलावा अमेरिका में भी इस न्यूक्लियर मटीरियल का बड़ा भंडार है। रिपोर्ट के मुताबिक, 22 में से 12 देशों में पॉलिटिकल अस्थिरता की वजह से न्यूक्लियर मटीरियल को लेकर रिस्क सबसे ज्यादा है। वहीं, न्यूक्लियर फैसिलिटी की सुरक्षा के मामले में भी पाकिस्तान की रैंकिंग भारत से आगे है। 47 देशों की सूची में पाकिस्तान को 61 अंक मिले हैं और वो रूस और इजराइल के साथ 32वें स्थान पर है, जबकि भारत इस लिस्ट में 52 अंकों के साथ 40वें स्थान पर है।


दुनिया में साढ़े 12 हजार से ज्यागा परमाणु हथियार


इससे पहले स्वीडन के थिंक टैंक सीप्री ने पिछले महीने दावा किया था कि दुनिया में अब 12,512 परमाणु हथियार हैं। इनमें से 9576 ऐसे हैं जो हमले के लिए तैयार है। पूरी दुनिया में चीन ने अपने परमाणु हथियारों का जखीरा तेजी से बढ़ाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 90 प्रतिशत परमाणु हथियार रूस और अमेरिका के पास हैं। वहीं चीन और पाकिस्तान ने भारत के मुकाबले तेजी से अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाई है। पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों की रेस शुरू हो चुकी है।

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