film 'Dhurandhar' के बाद फिर चर्चा में रहमान डकैत, मौत की कहानी पर उठे सवाल
इस्लामाबाद। आदित्य धर की फिल्म ‘धुरंधर’ के रिलीज होते ही पाकिस्तान के आपराधिक अंडरवर्ल्ड और माफिया नेटवर्क को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। खास तौर पर फिल्म में दिखाए गए ल्यारी इलाके के कुख्यात गैंगस्टर रहमान डकैत को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। फिल्म में उसकी मौत को जिस तरह दिखाया गया है, उसे लेकर कहा जा रहा है कि कहानी अधूरी और सरल बनाई गई है, जबकि असल जिंदगी में रहमान डकैत की मौत का मामला कहीं ज्यादा जटिल और विवादों से भरा हुआ था। फिल्म की कहानी के अनुसार, ल्यारी पर कब्जे की जंग में हमजा नाम का किरदार रहमान डकैत के खिलाफ साजिश रचता है। इस साजिश के तहत रहमान को सुनसान इलाके में ले जाया जाता है, जहां एक पुलिस अधिकारी उसे गोली मारता है। फिल्म में यह दिखाया गया है कि रहमान को इस तरह घायल किया जाता है कि वह कुछ समय तक जीवित रहे और हमजा अपनी योजना को अंजाम दे सके। अंत में अस्पताल पहुंचने के बाद उसकी मौत हो जाती है। हालांकि, वास्तविक घटनाएं फिल्मी कथा से काफी अलग बताई जाती हैं। असल जिंदगी में रहमान डकैत की मौत को लेकर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं। उसकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि 9 अगस्त 2009 को रहमान का कोई वास्तविक मुठभेड़ नहीं हुआ था, बल्कि उसे पहले ही अगवा कर लिया गया था। इन आरोपों के साथ वह सीधे अदालत पहुंची और पूरे मामले को फर्जी करार दिया। उसके अनुसार, रहमान अपने साथियों के साथ उस दिन कोस्टल हाईवे से गुजर रहा था, तभी एक पुलिस टीम ने उन्हें घेर लिया और तीन अन्य साथियों के साथ उठा लिया गया।
पत्नी का दावा था कि इसके बाद अगले दिन, यानी 10 अगस्त को, स्टील टाउन थाना क्षेत्र के पास चार लोगों को मुठभेड़ में मारे जाने की कहानी गढ़ी गई। उसने कहा कि इस पूरी कार्रवाई को एक फर्जी एनकाउंटर के रूप में पेश किया गया, जबकि रहमान और उसके साथी पहले ही हिरासत में थे। उसने अदालत में यह भी दावा किया कि रहमान कोई साधारण अपराधी नहीं था, बल्कि वह सामाजिक कार्यों से भी जुड़ा हुआ था और इलाके में उसकी अलग पहचान थी। इन आरोपों के सामने आने के बाद संबंधित पुलिस अधिकारी पर जबरदस्त दबाव बना। हालात ऐसे हो गए कि उन्हें मीडिया के सामने आकर बार-बार यह सफाई देनी पड़ी कि मुठभेड़ में मारा गया व्यक्ति वास्तव में रहमान डकैत ही था। उनका कहना था कि रहमान ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर हमला किया था, जिसके जवाब में कार्रवाई की गई। हालांकि, लंबे कानूनी संघर्ष और सुनवाई के बाद अदालत ने पुलिस के पक्ष को सही माना। इसके बावजूद रहमान डकैत की मौत से जुड़ा विवाद आज भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। फिल्म ‘धुरंधर’ के जरिए यह मामला फिर चर्चा में आ गया है और एक बार फिर लोग यह सवाल पूछने लगे हैं कि फिल्मी कहानी और हकीकत के बीच आखिर कितनी दूरी है।
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