मरते दम तक खुद को निर्दोष बताने वाले शख्स ने मौत की सजा से पहले मांगा बासा खाना
ओक्लाहोमा। जब किसी को फांसी की सजा सुनाई जाती है तो उससे आखिरी ख्वाहिश जरुर पूछी जाती है। ऐसी ख्वाहिश अमेरिका के ओक्लाहोमा में 41 साल के माइकल ड्वेन स्मिथ से पूछी गई तो उसने उसकी जेल में रखा बासा खाना मांगा। इस मामले में खास बात है कि स्मिथ पर साल 2002 में दो लोगों के मर्डर का चार्ज था। तब वो ड्रग्स के नशे में था। वो 20 सालों से जेल में था और खुद को बेकसूर कहता था। जब उसे गिरफ्तार किया गया, तो वो इतना भी होश में नहीं था कि उसे पता चल सके कि उसके साथ क्या हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के ओक्लाहोमा में 41 साल के माइकल ड्वेन स्मिथ को 4 अप्रैल सुबह जहरीला इंजेक्शन देकर मौत की सजा दी गई। मरने से एक रात पहले उसे अपना मनपसंद डिनर करने का विकल्प मिला। 20 सालों से वो जेल की कैंटीन में मिलने वाला ही खाना खा रहा था।
उसके पास ये एक आखिरी मौका था, जब वो अपने लिए कुछ भी ऑर्डर कर मंगवा सकता था। ओक्लाहोमा में मौत की सजा वाले कैदियों को अपना मनपसंद आखिरी भोजन करने का मौका मिलता है। वो चिकन-मटन जैसी कोई भी डिश अपने लिए मंगवा सकते हैं और जेल प्रशासन उनकी मांग को पूरा करता है। पर जब माइकल को ये मौका दिया गया कि वो मनपसंद डिनर चुने, तो उन्होंने कहा कि उसी दिन सुबह, कैंटीन से मिला उनका भोजन बचा रखा है, वो उसी को खत्म करना चाहते हैं। यानी माइकल ने बासी खाना आखिर में खाने का फैसला किया। ये सुनकर पुलिस भी हैरान हो गई। जब माइकल से कहा गया कि वो अपने आखिरी शब्दों को कह ले, तो उसने सिर्फ इतना कहा- नहीं, मैं ऐसे ही ठीक हूं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वो मरना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा था- मरने के लिए कौन तैयार हो सकता है, मैं उस चीज के लिए नहीं मरना चाहता, जो मैंने किया ही नहीं।
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